उतईजिसका कोई नही उसका तो खुदा है यारो,मैं नही कहता किताबो में लिखा है यारो" यह गीत किसी और के लिए नही बल्कि उतई नगर के मंत्री(सोहन लाल साहू) के लिए लागू होता है।सोहन लाल साहू जो कि उतई नगर के बंजारी पारा वार्ड 10 के रहने वाले है और इनके परिवार के लोग भी यही निवास करते है।विडम्बना कहे या फिर पारिवारिक परेशानी इनके इस कदर बना दिया कि इनके परिवार के लिए यह अल्प बुद्धि बन गया जिसके चलते इनका परिवार नही बस पाया और फिर अकेला जिंदगी गुजारने मजबूर।इनका न घर , न परिवार और न ही कोई रिश्तेदार जहा पर रात गुजारने की जगह मिल जाए वही सो जाते है जहाँ पर दो वक्त की रोटी मिल जाए वही चला जाता है।लेकिन इनमें भी एक खासियत है वह भी स्वच्छता को लेकर।जिस प्रकार भारत सरकार ने स्वच्छता को लेकर एक मुहिम जारी कर स्वच्छता अभियान चलाया है वैसे ही सोहन लाल साहू ने भी स्वच्छता अभियान छेड़ दिया है।यदि आप इनके सफाई का जायजा लेना चाहते है तो प्रतिदिन सुबह 6 बजे बस स्टैंड डूमरडीह चौक में ले सकते है।सोहन द्वारा डूमरडीह चौक में जितने भी दुकान है उनके सामने पड़े कचरे को पूरी तरह से साफ कर देता है ऐसे साफ करता है कि वह पर एक कागज का टुकड़ा नजर नही आएगा।सफाई के एवज में दुकानदार जो भी मेहनताना देता है उसे सहज स्वीकार कर लेता है।सोहन लाल साहू का सबसे बड़ी बात यह है कि यदि उन्हें कुछ भी कहे वह ना नही बोलेगा हा ही बोलेगा।जिंदगी जीने के लिए कुछ न सही भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान ही सही है।यदि कोई होटल वाले इन्हें काम पर बुलाता है तो इनकी एक ही बात पेटभर खाना चाहिए पैसा नही।सही कहना है पैसा किसके लिए मांगेगा जब कोई उनका है नही तो।ईश्वर कही न कही सबके लिए दाना पानी का व्यवस्था बनाया है,चाहे वह कोई भी कार्य क्यो न हो।
Friday, 26 April 2019
नरेंद्र मोदी के पहले से जारी है मंत्री सोहन का स्वच्छता की मुहिम, बरसो से चमका रहे है *न कोई घर, न परिवार, सब स्वच्छता के भरोसे चलता है पेट*
उतईजिसका कोई नही उसका तो खुदा है यारो,मैं नही कहता किताबो में लिखा है यारो" यह गीत किसी और के लिए नही बल्कि उतई नगर के मंत्री(सोहन लाल साहू) के लिए लागू होता है।सोहन लाल साहू जो कि उतई नगर के बंजारी पारा वार्ड 10 के रहने वाले है और इनके परिवार के लोग भी यही निवास करते है।विडम्बना कहे या फिर पारिवारिक परेशानी इनके इस कदर बना दिया कि इनके परिवार के लिए यह अल्प बुद्धि बन गया जिसके चलते इनका परिवार नही बस पाया और फिर अकेला जिंदगी गुजारने मजबूर।इनका न घर , न परिवार और न ही कोई रिश्तेदार जहा पर रात गुजारने की जगह मिल जाए वही सो जाते है जहाँ पर दो वक्त की रोटी मिल जाए वही चला जाता है।लेकिन इनमें भी एक खासियत है वह भी स्वच्छता को लेकर।जिस प्रकार भारत सरकार ने स्वच्छता को लेकर एक मुहिम जारी कर स्वच्छता अभियान चलाया है वैसे ही सोहन लाल साहू ने भी स्वच्छता अभियान छेड़ दिया है।यदि आप इनके सफाई का जायजा लेना चाहते है तो प्रतिदिन सुबह 6 बजे बस स्टैंड डूमरडीह चौक में ले सकते है।सोहन द्वारा डूमरडीह चौक में जितने भी दुकान है उनके सामने पड़े कचरे को पूरी तरह से साफ कर देता है ऐसे साफ करता है कि वह पर एक कागज का टुकड़ा नजर नही आएगा।सफाई के एवज में दुकानदार जो भी मेहनताना देता है उसे सहज स्वीकार कर लेता है।सोहन लाल साहू का सबसे बड़ी बात यह है कि यदि उन्हें कुछ भी कहे वह ना नही बोलेगा हा ही बोलेगा।जिंदगी जीने के लिए कुछ न सही भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान ही सही है।यदि कोई होटल वाले इन्हें काम पर बुलाता है तो इनकी एक ही बात पेटभर खाना चाहिए पैसा नही।सही कहना है पैसा किसके लिए मांगेगा जब कोई उनका है नही तो।ईश्वर कही न कही सबके लिए दाना पानी का व्यवस्था बनाया है,चाहे वह कोई भी कार्य क्यो न हो।
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