सोच के देखो तीन साल की बच्ची के साथ रैप की घटना सोच कर ही गले से पानी नीचे नही जाता ,,आखिर तीन साल की बच्ची से कैसे सोच बदली होही ,आखिर तीन साल की बच्ची की शरीर पर ऐसा क्या देखा होगा जिससे उसके कामुक इच्छाएं जाग गए ,,,अभी नन्ही सिमा की सभी अंग विकसित भी नही हुए है ,,और तरिन्दों कि नजर पड़ने लगी ,सभी लोगो इस मामले में सोचने की जरूरत नन्ही बच्ची में हवस की शिकार क्यो हो रही है ,अपने आसपास के माहौल के अनुसार ही भेजे अपने बच्चे को खेलने पता नही कौन राक्षस बन जाये ,,1,अधिकार समय महिलाओ के पास ही रखे बच्चे को ,,,आखिर ये बात क्यो किया जा रहा है ,,वो इसलिए कि दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के रवेली गॉव की बात कर रहे है वहा एक सीमा (परिवर्तीत नाम) जिसकी उम्र महज 3 साल और 3महीने ही है जिसके साथ एक शादीसुदा 21 वर्षीय राक्षस ने हैवानियत का खेल खेल डाला,,वो भी 1 रुपये की पेप्सी खर्च पर ,,,बच्ची के रोने और गुप्तांग पर खून निकनले से माँ बाप जान पाए ,, आखिर कैसे इतने बड़ी वारदात हो गई ,क्या कोई शादीसुदा होने के बाद भी नन्ही परी इस तरह का सोच रखते है ,,क्या उस आरोपियों के गुप्तांग काटकर चौराहे पर टांग देना चाहिए ,,क्या उस नन्ही सी परी की मार्मिक दशा क्या होही जिससे उस काबिल करने जिद्दत की होगी।पुलिस हमेशा की तरह बाद में पहुचती है पाटन में इस तरह की कई घटनाएं घाट चुकी है पर भी लोगो मे न पोलिस का डर है ना ही सरकार का ,,,कनाकोट में उस मासूम को जिंदा जलाने की घटना अभी लोगो के जेहन से उतरी भी नही थी कि पाटन ब्लॉक की चिंताजनक घटना,,जबकि राज्य सरकार की महिला बाल विकास मंत्री की गृह जिले की है जो इस मामले में बोलने से इनकार करती है।जबकि सरकार का नारा सिर्फ दिवालो पर बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ,,,,,,

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