। उतई। शासकीय दानवीर तुलाराम महाविद्यालय उतई अवम् दाउ उत्तम साव शासकीय महाविद्यालय, मचादुर्, के संयुक्त रूप से वार्षिक स्नेह अवम पुरुस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया, जिसमे मुख्यअतिथि गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू जी थे। अध्यक्षा संस्था के प्राचार्य महेशचंद्र शर्मा थे।, विशेष अतिथि के रूप मे भीषम हिरवानी जी थे, । मुख्यअथिति के आसंदी से कैबिनेट मंत्री ने कहा की इस क्षेत्र मे विकास की कोई कमी नही आएगी, छतीसगढ़ शासन की योजना गड़बो नावा छतीसगढ़ के तहत काम कर रही है छतीसगढ़ सरकार बच्चो के विकास के लिए हमेशा से तत्पर है, भीषम हिरवानी के निवेदन पर मंत्री जी ने कहा की इस कॉलेज के निर्माण जिसने मेहनत की उसके नाम होगा उतई महाविद्यालय का नाम का आसवासन भी दिया,, आगे मंत्री जी ने कहा की इस कार्यक्रम की बधाई देते हैं छात्र छात्राओ से कहा की टीवी और मोबाइल से दूर रहकर ही आगे बढ़ा जा सकता है,जिससे हमारा समाज साथ दिशा मे जा सके,मोजुदा शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लगाते हूये कहा की अब की शिक्षा सिर्फ़ कागज की डिग्रिया तक सीमित हो गयी है। इस कार्यक्राम को भीषम हिरवानी, गौरी चंद्राकर ,केशव हरमुख् जितेंद्र साहू ने भी संबोधित किया।उनके साथ केशव हरमुख्, जितेंद्र साहूजी, नगर पंचायत अध्यक्ष गौरी चंद्राकर थे। इस कार्यक्रम मे खुमान साहू, पुरेन्द्र वर्मा रूपनारायन शर्मा, डिकेंद्र हिरवानी, महेंद्र सिन्हा,जनपद उपाध्यक्ष,दुर्ग,रवींद्र वर्मा, बहादुर सिंह नेताम्,संजय गोस्वामी,दिवाकर गायकवाड,तरूण बंजारे,किशोर साहू,जामवंत गजपाल, प्रवीन यदु,तोरण ठाकुर, गुलशन शर्मा, खुबीराम साहू,शत्रुहन साहू सहित महाविद्यालय समस्त स्टाफ अवम् छात्रों की उपस्थिति रही।इस कार्यक्रम मे महाविद्यालय का प्रस्तावना प्राचार्य महेशचंद्र शर्मा ने पढा, संचालन पी बसंत कला ने की। _________________________हमारी समिति ने दिया पैसा तब चालू हो पाया, उतई का महाविद्यालय -- कैबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू -- अपने पुराने दिनों की याद ताजा करते हैं कहा की महाविद्यालय के लिए जगह भी नही थी भिलाई इस्पात संयंत्र के जगह को लेने के लिए पैसे नही थे, मगर हमारे समिति ने कर्ज करके पैसे जुटाये तब यह महाविद्यालय उतई को मिल पाया _______ _____________ समाज् मे 24 घंटे धार्मिक आयोजन फिर भी बढ़ता अपराध, न हो दिखावे या लालच मे धार्मिक आयोजन,- ताम्रध्वज साहू ---- साहू जी ने समाज सुधार के दिशा मे बोलते हूये कहा की हमारे आसपास, टीवी से लेकर हर जगह धार्मिक आयोजन होता है पर भी समाज को फायदा नही होता है तो यैसे आयोजन से क्या फायदा,, मै कहता हु दिखावे की या लालच मे न हो धार्मिक आयोजन

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