18दिसम्बर से गुन्जेंगे ',बाबा के जयकारे ,,छत्तीसगढ़ में जारी है बैठको का दौर
छतीसगढ़ में सर्वाधिक व्यापक रूप से मनाया जाने वाले सतनाम दर्म के प्रवर्तक संत गुरु घासीदास के जयंती को लेकर सतनामी समाज के हर गांव से लेकर शहर तक व्यापक तैयारी चल रही रही है । छतीसगढ़ सहित पुरे भारत वर्ष में मनाये जाने वाला यह पावन त्यौहार पुरे छतीसगढ़ के गाँव में मनाया जाता है वाही शहरो में अधिक रौनक होती है ।पुरे 27 जिले में 18 दिसम्बर से लेकर 31 दिसबर तक छतीसगढ़ होगा सतनाम मय ,जिसकी तैयारी पुरे दमखम से सतनामी समाज अवम उनके अनुवायी करने लगे ।है। कहि सांस्कृतिक कार्यक्रम तो कहि मंडई मेला का भी आयोजन होता है साथ पंथी के गीतों के साथ मोहक नृत्य प्रस्तुत होता है। संत गुरूघासीदास के छत्तीसगढ़ में अधिक अनुवायी माने जाते है जिससे घर घर में उस दिन खुसिया मनाई जाती है और पुरे सतनामी समाज के संग पूरा छतीसगढ़ पंथी गीतों के संग झूम उठता है।जिसको लेकर सभी जगह चंदा से लेकर सांकृतिक प्रस्तुति को लेकर बैठको का दौर जारी है।
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