Monday, 14 January 2019

संस्कृति की रक्षा के लिए राजिम कुंभ का नाम पुन्नी मेला रखा गया ,मँडई छत्तीसगढ़ की पहचान है _- गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू

फोटो उतई।छत्तीसगढ़ शासन के गृह ,जेल,पी डब्ल्यू डी,धर्मस्व व संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू अंचल के प्रसिद्ध उतई मंडाई कार्यक्रम में शामिल हुए उनके उतई नगर में प्रथम आगमन पर नगरवासियों ने जोशीला स्वागत व नागरिक अभिनंदन किया। मंत्री जी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथी थे।उन्होंने अपने उदबोधन में कहा कि मड़ई मेला छत्तीसगढ़ की संस्कृति का एक हिस्सा है उसको अक्षुण्ण बनाये रखना हम सब की जिम्मेदारी है इसिलए हमने राजिम माता के नगरी में लगने वाले मेला को उनके वास्तविक पहचान के साथ उनको पुन्नी मेला नाम दिया।उन्होंने उतई मड़ई के संबंध में अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि पहले हमलोग बैल गाड़ी से उतई मंडई आते थे। उन्होंने विकास कार्यो के संबंध में कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। इसलिये छत्तीसगढ़ की कांग्रेस की सरकार कृषको को प्राथमिकता में लेते हुए उनका कर्ज माफ किया।उतई की जनता को विकास का भरोसा दिलाते हुए कहा कि क्षेत्र के विकास के लिये मैं प्रतिबद्ध हूँ प्राथमिकता के आधार पर कार्यो व समस्याओ का निपटारा होगा।
        कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर पंचायत अध्यक्ष गौरी चंद्राकर ने किया।नगर उपाध्यक्ष कुलदीप सैनी जिला पंचायत दुर्ग पूर्व सभापति केशव बंटी हरमुख बाजार प्रभारी डॉ प्रह्लाद वर्मा   संजय गिरी गोस्वामी तोषन साहू नरेंद्र साहू कुमार साहू लक्ष्मीनारायण साहू गणेश ठाकुर अनीता कौशिक अंजली साहू मालती गढ़े पार्वती मंडावी आदि सभी पार्षद विशेष अतिथी थे।केशव बंटी हरमुख ने कहा कि मड़ाई लोगो में आपसी प्रेम व भाई चारे का संदेश देती है उतई अपने सांस्कृतिक वैभव के साथ यह कार्य वर्षो से कर रहा है । नगर अध्यक्ष गौरी चंद्राकर प्रतिवेदन पढ़ते हुए नगर के विकास व समस्याओं से मंत्री जी को अवगत कराया। कुलदीप सैनी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।कार्यक्रम का संचालन नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बहादुर सिंह नेताम ने किया।आभार प्रदर्शन बाजार प्रभारी डॉ पहलाद वर्मा ने किया। इस अवसर पर भीषम हिरवानी खुमान साहू डॉ ऐ के चंद्राकर रविंद्र वर्मा डिकेन्द्र साहू तरुण बंजारे सुरता सिंह गढ़े किशोर साहू खूबी साहू सतीश पारख डॉ पिलेश्वर साहू मुकुंद भाऊ सहित नगर व आस पास गावो के गणमान्य लोग उपस्थित थे।अतिथी सम्मान के बाद लोगों ने लोकसंस्कृति कार्यक्रम लोकरंग अर्जुन्दा का आनंद लिया।

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