Tuesday, 15 January 2019

मनमानी की सभी हदे पार,, *प्राचार्य ने जारी किया खुद का अजीब प्रमाणित* नियम,, *नगर के लोगो ने हटाने के लिए मंत्री को शिकायत की*

*उतई कालेज प्राचार्य चला रहे कालेज में समानांतर सरकार*..

*आये दिन सरकार व् विभागीय आदेशों से ऊपर नए नए तुगलकी आदेश जारी करना उनकी फितरत में
उतई...शासकीय दानवीर तुलाराम महाविद्यालय उतई के प्राचार्य महेश चन्द्र शर्मा ज्ञान के भण्डार है इस बात को नकारा नही जा सकता किन्तु उनका यही अत्यधिक ज्ञान उन्हें घमण्ड की और अग्रसर करते जा रहा है?जिसके चलतेकहना भी अतिशयोक्ति नही होगी क्योंकी शासन व् उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशों के ऊपर आये दिन नए नए आदेश जारी कर महाबिद्यालय के प्रोफेसरों व् बच्चों को परेशान करते रहना उनकी दिनचर्या में शामिल हो चूका है ।
आये दिन महाविद्यालय में बच्चों की क्लासें खराब कर कोई ना कोई आयोजन प्रवचन करवाकर अखबारों की सुर्ख़ियों में बने रहने की उनकी पुरानी आदत से सभी वाकिफ है ।
अब उन्होंने एक नया तुगलकी आदेश जारी किया है
आये दिन आयोजन कर समय की बर्बादी करने वालों को अब समय व् स्टाफ की कमी की चिंता अचानक होने लगी हैं।
नेक की टीम के अलावा विश्वविद्यालय व् संचालनालय से टीम के मूल्यांकन हेतु आने की बात रखते हुवे महाविद्यालय के प्रोफेसरों हेतु तुगलकी आदेश उन्होंने जारी किया है जिसमे अवकाश लेने प्राचार्य से विचार विमर्श के साथ साथ अनेक तरह के प्रमाण प्रस्तुत करने के निर्देश उन्होंने दिए है जिसमे प्रमुख रूप से
1. अवकाश लेकर जिस स्थान पर जा रहे उसका पूर्ण पता
2.यदि आप परिवार के किसे रिस्तेदार की शादी में जा रहे तो वैवाहिक कार्ड पर मुद्रित नाम अनिवार्य रूप से हो।
3 स्वास्थ गत कारणों से जाना हो तो अधिकृत डॉ का परामर्श पत्र प्रस्तुत करने
4.वैवाहिक किन्तु आश्रित संतान के इलाज हेतु बाहर जाने पर कारणों को प्रमाण संहित प्रस्तुत करने के निर्देश जारी हुवे है

मतलब साफ़ है की यदि आपकी पुत्री का विवाह हो चुका हो वो ससुराल में हो तो भी आप बिना प्रमाण नही जा सकते साथ ही यदि वहीँ पुत्री इलाज हेतु विवाह उपरान्त पिता के यहां इलाज करवाने आये तो वो आश्रित संतान कैसे हो गई इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करना उनकी मनमर्जी ,महाविद्यालय में समानांतर सरकार की तरह अपने आदेश जारी करना उनकी मानसिक स्थिति के खराब होने का प्रमाण है ?

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