Wednesday, 29 November 2017

इन छः जिलो में पटाखा जलाया तो होगी जेल,सरकार का फॉरमान

पटाखा प्रतिबंध
प्रदेश के छह शहरों में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह प्रतिबंध एक दिसंबर से इकतीस जनवरी तक रहेगा। इसका उद्देश्य वायु प्रदूषण को कम करना है।
राज्य के आवास और पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह ने हाल ही में विभिन्न जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये ठंड के मौसम के दौरान वायु प्रदूषण को निर्धारित मापदंडों के अनुरूप बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रदूषण पर राज्य शासन जीरो टाॅलरेंस की नीति अपना रहा है। राज्य शासन ने प्रदूषण को कम करने के लिए समन्वित प्रयास की जरूरत बताई है।
पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध राजधानी रायपुर सहित बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़ और कोरबा शहर में लगाया गया है। यह प्रतिबंध हर वर्ष दिसंबर और जनवरी के महीने में लागू रहेगा।
राज्य सरकार, प्रदेश में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अनेक कदम उठा रही है। इसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं और राजधानी रायपुर में बीते कुछ महीनों के दौरान प्रदूषण का स्तर काफी कम हुआ है।

Tuesday, 28 November 2017

अरुण बन सकते है पी सी सी अध्यक्ष ,मिले चरणदास ,समर्थको में खुसी

खबर राजनीती-छतीसगढ़ की राजनीती में बड़ा उलटफेर हो सकता है --समर्थको की माने तो ये खबर आग की तरह फ़ैल रही है की जल्द ही पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल की जगह मोतील वोरा के विद्यायक पुत्र अरुण वोरा की ताजपोशी होगी ।जिससे कई चर्चाये शहर में व्याप्त है ।चरण दास महंत का दुर्ग दौरा भी इसी परिक्षेप्य में हुई थी ।राजेन्द्र साहू को तवज्जे देने पर अरुण वोरा कई दिनों नाराज बताये जा रहे है ।।                                              राहुल की ताजपोशी के बाद फैसला -- विश्वस्त सूत्रो की माने तो राहुल को मानाने के लिए अभी से कसरत       चल रही है खुट मोतीलाल वोरा ही इस मोर्चे   के अध्यक्ष बताये जा रहे है।जबकि चरण दास महंत सेनापति से कम नहीं है ।।                                          लंबे समय से चर्चा ----   लंबे समय से चर्चा चल रही थी की पीसीसी अध्यक्ष को हटाये जाने की जिसे पुनिया के कहने पर ब्रेक लगा था जिसे मोतीलाल वोरा ने हवा दे कर मुद्दे को गर्म कर दिया था ।  मोतीलाल वोरा का अभी भी मानना है की पीसीसी अध्यक्ष बदलना है मगर सही समीकरण न बैठ पाने की वजह से  यह मामला ठंडी होती जा रही है ।।          चरणदास महंत मिले अरुण वोरा से--चरणदास का अचानक अरुण वोरा के घर आना और लंबी चर्चा भी इसी का हिस्सा है      जबकि पदयात्रा सहित बहुत से  मामले पर भूपेश एक साथ देने में कोताही बरतने वाले चरण दास पूरी तरह से अरुण के पक्ष में लाम्बिंग में लगे है ।।      ÷=÷÷÷÷÷÷÷÷÷ बदलेने कई÷÷÷÷÷÷कई जिला अध्यक्ष --प्रदेश अध्यक्ष बदले या न  बदले लेकिन जिला अध्यक्षो का बदलना तय बताया जा रहा है  ।जिसकी तैयारी अभी से चल रहा है ।12 जिले अध्यक्षो को बदलना तय और कई अध्यक्षो जो टिकट के लाइन में खड़े है उनका भी जाना तय है ।।।।।          -----------------------------राहुल की ही अंतिम मुहर --प्रदेस अध्यक्ष का बदलना खुद राहुल गांधी के ऊपर है उनका मर्जी चले तो भूपेश को ही रिपीट कर सकते है जबकि वोरा समर्थको का अरुण के नाम पर खुसी जाहिर की गई है ।।     ---////////वोरा गुट और महंत गुट के  एक ही सुर 

Monday, 27 November 2017

शिक्षा विभाग की कमर टूटी हुई और रमन की '""न"''

रायपुर।शिक्षाकर्मियों को लगा गहरा झटका जब रमन बोले  अभी ,""न" ।एक कार्यक्रम में पहुचे  मुख्यमंत्री रमन सिंह ने  शिक्षाकर्मियों के उस हौसले को तोड़ दिया जिसमे पुरे छतीसगढ़ को हिलाने वाले शिक्षा कर्मियो के सपनो को तोर दिया ।सभी जगह धरना चल रहा है अभी मुख्यमंत्री की ऐसी भाषण समझ से पर                                                        शिक्षा विभाग की कमर चुकी है और रमन सिंह की विचार शिक्षाकर्मियों के विपरीत ।शिक्षाकर्मियों ने खा की हम पुरे दमखम से लड़ेंगे ,और अपना अधिकार ले के रहेंगे ।कई संघठन भी अप ने पुरे दमखम में लगे है ।।            चपरासीयो ने संभाला मोर्चा-----कई स्कूलो में  अध्यापन का काम अब चपरासी या पार्ट टाइमर  स्वीपर से काम चल रहा है   और सरकार का रवैया साफ नहीं हो पाया या ये कहे की ।सरकार झुकने के मूड में नहीं है ।     कई स्कूलो में नहीं खुले आज भी आज भी ताले ----शिक्षाकर्मियों के आंदोलन की वजह से  आज भी कई स्कूलो के ताले नहीं खुले है जिससे  बच्चों का छुट्टी सा माहौल है । 

Sunday, 26 November 2017

अभी 1.66 करोड़ ,फ्री मोबाइल योजना के बाद 3 करोड़ से अधिक हो जायेंगे छतीसगढ़ में मोबाइल धारक

26-11-2017 CG NEWS

01. रायपुर : छत्तीसगढ़ में 1.66 करोड़ को पार कर गई मोबाइल कनेक्शनों की संख्या

राज्य में संचार क्रांति का लगातार हो रहा विकास और विस्तार

रायपुर, 26 नवम्बर 2017

संचार क्रांति के इस युग में राज्य निर्माण के विगत 17 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या एक करोड़ 66 लाख 65 हजार तक पहुंच गई है, जबकि राज्य निर्माण के समय वर्ष 2000 की स्थिति में प्रदेश में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या लगभग नहीं के बराबर थी। मोबाइल फोन की बढ़ती लोकप्रियता के फलस्वरूप राज्य में वर्ष 2000 से 2016 के बीच लैण्डलाइन कनेक्शनों की संख्या दो लाख 80 हजार से घटकर एक लाख 92 हजार 867 हो गई है। राज्य में टेलीफोन घनत्व (टेली-डेंसिटी) 65.92 प्रतिशत और राष्ट्रीय औसत 80.44 प्रतिशत है।
केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में संचार क्रांति को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल संचार नेटवर्क का लगातार विकास और विस्तार किया जा रहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा नेशनल ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क के जरिए 2000 से ज्यादा ग्राम पंचायतों को जोड़ा जा रहा है। राज्य सरकार के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग की संस्था छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) द्वारा प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा लोक सेवा केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें जाति और निवास प्रमाण पत्र, विवाह प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने सहित 37 प्रकार की सरकारी सेवाएं आम जनता को ऑनलाइन दी जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए राज्य में सूचना क्रांति योजना (स्काई) की भी घोषणा की है। इस योजना के तहत 45 लाख गरीबों, महिलाओं और कॉलेज स्तर के विद्यार्थियों को निःशुल्क स्मार्ट फोन देने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में सम्पर्क क्रांति की अवधारणा पर बल देते हुए मोबाइल फोन, सड़क और रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने की दिशा में योजनाबद्ध प्रयास शुरू कर दिए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने अपने यहां संचार नेटवर्क के विस्तार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का नेटवर्क तैयार किया है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक घरों में फोन की सुविधा देना भी इस योजना का उददेश्य है। योजना के तहत दिए जाने वाले स्मार्ट फोन के जरिए लोग सरकार की विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं का फायदा जल्द से जल्द प्राप्त कर सकेंगे। संचार नेटवर्क के विस्तार के फलस्वरूप योजनाओं का आर्थिक लाभ सीधे डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) प्रणाली के जरिए हितग्राहियों तक पहुंचाना भी राज्य सरकार के लिए काफी आसान होता जा रहा है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण पिछले माह अक्टूबर में बोनस तिहार में देखा गया। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में सरकार ने किसानों को वर्ष 2016 के धान का बोनस देने के लिए सभी 27 जिलों में बोनस तिहार मनाया जिसमें 58 लाख से ज्यादा किसानों को 300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से 2100 करोड़ रूपए का बोनस एक क्लिक पर ऑनलाइन दिया गया। यह राशि इंटरनेट के जरिए सीधे उनके खातों में जमा हो गयी। अगले माह दो दिसंबर से शुरू हो रहे लगभग 11 दिनों के तेंदूपत्ता बोनस तिहार में भी मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्रिगण लगभग ग्यारह लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को करीब 275 करोड़ रूपए का बोनस इसी तरह ऑनलाइन वितरित करेंगे।
इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल हिंसा पीडि़त बस्तर राजस्व संभाग के सात जिलों में संचार नेटवर्क बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की मदद से बस्तर नेट परियोजना की भी शुरूआत कर दी है। इसके अंतर्गत 40 करोड़ रूपए की लागत से 832 किलोमीटर लम्बे ऑप्टिकल फाइबर केबल रिंग पद्धति से बिछाए जाएंगे। बस्तर अंचल की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए वहां मोबाइल फोन और इंटरनेट सुविधाओं के विस्तार में इस परियोजना से काफी मदद मिलेगी। यह भी उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष पहल पर बस्तर और अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 146 नये मोबाइल टावर भी स्थापित किए गए हैं।abhi

ऐसे हो रही है शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को तोड़ने की साजिश ,जरूर पढे

ब्रेकिंग न्यूज़ - (पवन बंजारे)--दुर्ग-छत्तीसगढ़ में जारी शिक्षाकर्मियों के कई  मांगो को लेकर हड़ताल को लेकर सरकार ने उसे मानसिक रूप तोड़ने के लिए या कमजोर करने  के लिए सोसाल मिडिया से लेकर सरकारी तंत्र को सीधे लगा दिया है।सोशल मिडिया में देखे तो whatsup ,फेसबुक और ट्वीटर पर शिक्षाकर्मियों के प्रति नकारात्मक बाते लिखी जा रही है  जिसे भाजपा के लोग आगे परोसने में तोडा भी पीछे नहीं हट रहे है ।      

Saturday, 25 November 2017

भाजपा सरकार फिर बनाएगी जोगी डबरी ,300 करोड़ मंजूर

. रायपुर : वनक्षेत्रों में जल संवर्धन के लिए बनाए जाएंगे डबरी-स्टापडेम : अचानकमार टाईगर रिजर्व के 19 गांवों का होगा व्यवस्थापन

वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने ली अधिकारियों की बैठक

रायपुर, 25 नवम्बर 2017

छत्तीसगढ़ में वन एवं वन प्रबंधन समिति क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जल संवर्धन के काम लिए जाएंगे। पहले चरण में बिलासपुर वनवृत्त के हाथी प्रभावित क्षेत्र रायगढ़
वनमण्डल से इस काम की शुरूआत होगी। वन मंत्री श्री महेश गागड़ा ने आज यहां इस संबंध में विभागीय प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया और इस परियोजना पर काम शुरू करने के लिए हरी झण्डी दे दी। लगभग 250 करोड़ रुपए कीे लागत वाली इस परियोजना के अंतर्गत एक हजार 306 जल संरचनाए निर्मित किए जाएंगे। इनमें प्रमुख तौर से स्थानीय नदी-नालों में डेम, नहर और खेतों में डबरी आदि काम कन्वर्जेंस के आधार पर किया जाएगा। मनरेगा, कैम्पा सहित विभिन्न विभागीय योजना को मिलाकर योजना पर अमल किया जाएगा। हाथियों को स्थानीय स्तर पर रोकने के साथ ही सिंचाई सुविधा बढ़ाकर कर स्थानीय वनवासियों की आमदनी में बढ़ोतरी करना इस परियोजना का प्रमुख उद्देश्य है। वन मंत्री के शंकरनगर स्थित निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में पीसीसीएफ श्री आर.के.टम्टा, पीसीसीएफ वाईल्ड लाईफ श्री आर.के.सिंह, एपीसीसीएफ श्री आनंद बाबू, डॉ. जितेन कुमार सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
वन मंत्री श्री गागड़ा ने बैठक में बिलासपुर स्थित अचानकमार टाईगर रिजर्व की गतिविधियों और विस्थापन कार्य में प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोर एरिया से विस्थापित होने वाले वनवासी परिवारों को विस्थापित स्थल पर तमाम बुनियादी सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए। उन्होंने इन परिवारों को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उनके कौशल विकास करने पर ज्यादा जोर दिया। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कोर एरिया में आने वाले 19 गांवों के 3 हजार 700 परिवारों को अन्यत्र पुनर्वास किए जाने की कार्य-योजना तैयार की गई है। उनके लिए स्थल का चिन्हांकन भी कर लिया गया है।  इन गांवों के पुनर्वास में 500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा, जिनमें 300 करोड़ रुपए केन्द्र सरकार और 200 करोड़  रुपए राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। प्रथम चरण में रिजर्व एरिया के तीन गांव- तिलाईडबरा, बिराजपानी और छिर्राहट्टा का विस्थापन किया जाएगा। पुनर्वास नीति के अंतर्गत प्रत्येक प्रभावित परिवार को 10 लाख रुपए अथवा 2 हेक्टेयर भूमि दी जाती है। इसके साथ ही नए पुनर्वास गंाव में राज्य सरकार की तमाम योजनाओं की सुविधाएं निःशुल्क मुहैया कराई जाएंगी। वन मंत्री ने अचानकमार टाईगर रिजर्व में पर्यटकों की लगातार बढ़ते संख्या पर प्रसन्नता जाहिर की और उनकी सुविधा के लिए तीन जिप्सी खरीदने की सहमति प्रदान की। उन्होंने स्टाफ की कमी को भी जल्द पूर्ण करने का भरोसा दिलाया।

छतीसगढ़ विधानसभा का शीतसत्र19 दिसम्बर से

छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र उन्नीस दिसंबर से होगा शुरू।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आगामी उन्नीस दिसंबर से शुरू होगा। यह सत्र बाईस दिसंबर तक चलेगा। सत्र के दौरान कुल चार बैठकें होंगी। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। सत्र में चालू वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट सहित कुछ संशोधन विधेयक भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
सत्र के दौरान कथित सीडी कांड, धान खरीदी व्यवस्था, सूखा राहत, किसान आत्महत्या, कानून व्यवस्था सहित कई मुद्दों को लेकर विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने का प्रयास किया जाएगा। इसलिए इस सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है।कांग्रेस ने पहले ही कमर कस ली है ।और नाक में दम करने वाली जनता कांग्रेस कुछ नया करने के फ़िराक में रहती है।

दुर्ग -राजनीती में हेमचंद की जोशीला अंदाज री-एंट्री

दुर्ग की राजनीती में हेमचंद  की फिर से जोशीला एंट्री --लंबे समय से राजनीती से सन्यास की तरह गायब रहने वाले पूर्व मंत्री व् प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष हेमचंद यादव एक बार फिर से जनता के बिच मुखर हो चुके है ।इस बार फिर से मैदान में उतरने का फैसला लेते हुए हेमचंद ने जनता दरबार गुलजार हो चूका है ।।                                       सरोज पाण्डेय की उम्मीदवारी  भी हो सकता है कारन---सरोज पाण्डेय के दुर्ग शहर के दावेदारी के  हालचाल को देखते हुए  ,हेमचंद यादव की पारंपरिक सीट होने की वजह से चिंता जायज होती है इसलिए हेमचंद इस बार मौका गंवाना नहीं चाहते ।।

Friday, 24 November 2017

शिक्षाकर्मियों को जनता कांग्रेस के हर सदस्य का समर्थन -- अजित जोगी

 शिक्षाकर्मियों को मिला जोगी का सहारा ---- स्कूली की शिक्षा व्यवस्था बिगड़ती जा रही है कहि बारहवी पास तो कही चपरासी संभाल रहे है मोर्चा जिससे सरकार की चिंता जगजाहिर है । उत ने में जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छतीसगढ़ ने अपने सभी कार्यकार्ताओ से निवेदन किया हैबकि  वे शिक्षा कर्मियो के धरना स्थल पर जाकर समर्थन दे ।।जिससे छतीसगढ़ के सभी जिलो में जनता कांग्रेस के  कार्यक्रता एवम् पदाधिकारी धरना स्थल पहुच रहे है ।

शिक्षाकर्मी और सरकार के बिच पिसते बच्चे,मंत्रियो के भी बोलती बंद

शिक्षाकर्मी की संविलियन जैसे मांग ,सरकार के गले की फ़ांस-- सरकार के नोटिस और बरखस्ति के बाद भी शिक्षाकर्मियो के आत्मविश्वास को नहीं हिला पायी सरकार ,आंदोलन आज भी जारी है । इन शिक्षाकर्मियो और सरकार के बिच नुकसान है तो सिर्फ उन बच्चों का जिन्हें सिर्फ शिक्षा से मतलब है ।कई स्कूलो के ताले भी नहीं खुल रहे है और स्कूलो के सिर्फ खाना खाने का काम ही रह गया है ।।                                    🔦🔦सरकार ने तय किये फिर से कमेटी-----सरकार ने फिर से एक कमेटी का गठन कर दिया जो प्रमुख सचिव ऍम के राउत के अध्यक्षता में काम करेगी ।अब सरकार अपना काम राउत से ही सुलझना चाहती है । ------मुझसे नहीं कमेटी से पूछे अपना काम ---अजय चंद्राकर( मंत्री छ ग शासन)---पत्रकारो द्वारा पूछने पर अजय चंद्रकर ने सीधे ऍम के राउत के ओर इशारा करते कुछ कहने से इनकार कर दिया ।।।                        

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खनिज विभाग मेहरबान ,शासन को चुना ,जेब गर्म

*खनिज माफियाओं पर विभाग मेहरबान, शासन को लगा रहे चूना*

*मुंगेली:-* जिले में खनिज विभाग की शह पर खनिज माफियाओं की मनमानी पूरे चरम पर है। माफिया सरकार द्वारा बनाए गए तमाम नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर अपनी मनचाही जगह से मुरम, रेत समेत मिट्टी की खुदाई व परिवहन कर रहे हैं। यह सब देखकर भी खनिज विभाग मौन साधे मूकदर्शक बना हुआ है, जिससे खनिज माफियाओं का हौसला और भी बढ़ता जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिले में ऐसी अनेक जगह हैं जहां खनिज माफिया द्वारा धड़ल्ले से मुरम, रेत, मिट्टी का अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है। ऐसे में खनिज विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता की वजह से शासन को रोजाना लाखों रुपए की राजस्व क्षति पहुंच रही है।

*शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं*

पंचायत प्रशासन और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा कई दफा अवैध खनिज खनन व परिवहन को लेकर खनिज विभाग के अधिाकारियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन-अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्र के लोगों ने विभाग पर खनिज माफियाओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यह सारा अवैध खेल खनिज माफिया और विभाग के अधिकारियों की आपसी मिलीभगत से चल रहा है।

*सैकड़ो हाइवा मिट्टी खुदाई कर ले गए माफिया*

लोरमी रोड की आदर्श ग्राम पंचायत देवरी में खनिज माफियाओं द्वारा सरकारी तालाब में खुदाई कर सैकड़ों हाइवा मिट्टी की खुदाई और परिवहन कर लिया गया, लेकिन विभाग चुप बैठा रहा है। विभाग ने इस मामले में कार्रवाई की महज औपचारिकता निभाकर पूरा मामला ही रफा-दफा कर दिया।

तालाब के पास लंबे समय से मिट्टी उत्खनन का कार्य मेरे मना करने के बावजूद किया जा रहा है।

*सरपंच, देवरी पंचायत*

इस संबंध में मुझे कोई जानकारी नही है खनिज इंस्पेक्टर से चर्चा कर ही कुछ कह पाऊंगा।

*बी.के.सोरी जिला खनिज अधिकारी मुंगेली*

साहू व सतनामी वोटरो पर रहेगा दुर्ग ग्रामीण की विधायकी का ताज

कोन होगा दुर्ग ग्रामीण का विधायक ,अभी से  चर्चा--आखिर कौन होगा दुर्ग ग्रामीण का सिरमौर ,चर्चाओ में बाजार हमेशा चुनाव की तरह गर्म मिजाज का है ।देखा जाए तो ये सिट वर्तमान कैबिनेट मंत्री रमशीला साहू स्वम् को सुरक्षित मान के चल रही है ।जिससे अपने किये गए विकास कार्यो के हवाले के उम्मीद में इस सीट को भाजपा सुरक्षित  मनाने के लिए तैयार कर ली है ।जबकि टिकट के लिए सरोज पाण्डेय के लिए पूरा मंच देकर पक्का मान रही है ।जबकि भाजपा में ही जिला पंचायत के उपाध्यक्ष थानुराम साहू ,ललित चंद्राकर ,अनिल साहू ,सहकारिता अध्यक्ष  भी इसी सीट से किस्मत आजमाने के फिराक में है ।जबकि कांग्रेश ने अपने पूर्व विद्यायक प्रतिमा चंद्राकर को तैयार रहने हरीझण्डी दे दी है जिससे पूर्व विद्यायक पिछले एक साल से क्षेत्र में सक्रीय नजर आ रही है  ,,उसके बावजूद अन्य दावेदारो में  बंटी हरमुख ,जीतेन्द्र साहू ,राजकुमार देशमुख ,वाही पिछले साल बनी जनता कांग्रेस के भी कई दावेदार नजर आ रहे है  जिसमे अभी अधिकार रैली में पूर्व विद्यायक सक्रीय नजर आ रही है । बालमुकुंद के  अलावा  सतीस पारख ,सतीस यादव ,विनोद गुप्ता भी दौर में शामिल है  ।अब चुनाव के आते आते क्या समीकरण होगा ये तो वक्त बताएगा ।मगर वर्तमान विद्यायक की सीट सुरक्षित नहीं माना जा सकता तो कांग्रेस की  जित भी आसान नहीं नजर आ रही है ।जनता कांग्रेश अगर दुर्ग ग्रामीण में अच्छा कर लेती है तो चमत्कार जैसे ही होगा । अभी और कई उम्मीदवार बढ़ने की भी सम्भावना है  बहरहाल दुर्ग जिले में दुर्ग ग्रामीन को तीनो पार्टिया आसान समझ रही है ।जिसमे पिछले चुनाव न कोई बड़ी सभा हो पायी थी न ही रोड शो ।साहू वोटरो का रुझान इस सीट के लिए काफी महत्वपूर्ण रहता है जबकि सतनामी समाज भी हार जित का फैसला करती है ।


शिक्षाकर्मियों पर कार्यवाही आसान नहीं ..

शिक्षाकर्मियों पर नहीं है कारवाई आसान

रायपुर। प्रदेश में शिक्षाकर्मियों की हड़ताल को जिस तरह जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति और सदस्यों का समर्थन मिल रहा है उससे यह तय हो गया है कि, शिक्षाकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करना लगभग नामुमकिन है।

दरअसल शिक्षाकर्मी संबंधित जिला पंचायत और जनपद पंचायत के कर्मचारी होते हैं और उन पर किसी भी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्यवाही का पूरा अधिकार संबंधित पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति के पास होता है। यहां तक की उस समिति के बैठक की अध्यक्षता भी जिला पंचायत और जनपद पंचायत में कार्यरत मुख्य कार्यपालन अधिकारी नहीं करते बल्कि इसकी अध्यक्षता  जिला पंचायत अध्यक्ष करते हैं जो की जनप्रतिनिधि होते हैं।

कहीं सरकारी आदेश की प्रतियां जलाई तो कहीं बोले-नहीं होगी कार्रवाई

जिला पंचायत में किसी भी प्रकार के अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव के पक्ष में संख्या बल की जरूरत होती है। अब जिस प्रकार का समर्थन आम शिक्षाकर्मियों को मिल रहा है उससे यह तो तय है कि यह जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति किसी भी कीमत पर शिक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देकर अपने लिए मुसीबत मोल नहीं लेंगे। क्योंकि इनकी सत्ता में वापसी तभी हो सकती है जब इनका यह वोट बैंक बरकरार रहे और कहीं ना कहीं इनका भी यह मानना है कि शिक्षाकर्मियों के साथ अन्याय हो रहा है और शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए इन्हें मुख्यधारा में लाना अति आवश्यक है। इसीलिए जहां आज बालोद के गुंडरदेही ब्लॉक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने शासन द्वारा जारी किए गए आदेश की होली जलाई, वही जगदलपुर में जिला पंचायत उपाध्यक्ष महेश्वरी पांडे, सभापति सूरज कश्यप ने धरना स्थल में जाकर शिक्षाकर्मियों को समर्थन दिया। जिला पंचायत बालोद के उपाध्यक्ष आलोक चंद्राकर ने मंच से कहा कि,  पूरे बालोद जिला में किसी भी शिक्षाकर्मी पर कोई कार्यवाही नहीं होगी। जब जनप्रतिनिधियों की यह स्पष्ट राय है तो फिर अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिक्षाकर्मियों पर क्या कार्रवाई हो सकती है।

दुर्ग जिले में हुआ मुकबधिर बच्ची से गैंग रैप की कोशिस ,,पोलिस तलाश में

 दुर्ग।पवन बंजारे।दुर्ग जिले के पाटन तहसील के मुड़पार गॉव में आज मानवता शर्मशार हो गई ।जब एक मूक बधिर बच्ची उन दरिंदो के हवस की शिकार होते होते बच गई ।प्राप्त जानकारी के  अनुसार निशा(परिवर्तित नाम) का जो बोल नहीं सकती का कई युवको के द्वारा  गैंगरेप काकरने का प्रयास का मामला सामने आया है  ।पुलिस अभी इस मामले में कुछ नहीं कह प् रही है ।लेकिन उतई पुलिस मामले की छानबीन में जुत गई है ।
शिक्षाकर्मियो का हड़ताल आज भी जारी ,सरकार के आदेश का फर्क नहीं पड़ा --छतीसगढ़ सरकार के नाक में दम करने वाली कोई राजनैतिक पार्टी नहीं है बल्कि स्कूलो में पढ़ाने वाले शिक्षक जिन्हें