ब्रेकिंग न्यूज़ - (पवन बंजारे)--दुर्ग-छत्तीसगढ़ में जारी शिक्षाकर्मियों के कई मांगो को लेकर हड़ताल को लेकर सरकार ने उसे मानसिक रूप तोड़ने के लिए या कमजोर करने के लिए सोसाल मिडिया से लेकर सरकारी तंत्र को सीधे लगा दिया है।सोशल मिडिया में देखे तो whatsup ,फेसबुक और ट्वीटर पर शिक्षाकर्मियों के प्रति नकारात्मक बाते लिखी जा रही है जिसे भाजपा के लोग आगे परोसने में तोडा भी पीछे नहीं हट रहे है ।
शिक्षाकर्मियों की किसानो से तुलना कर कमजोर करने की कोशिस ----+सोशल मिडिया में किसानो से तुलना कर सीधे शिक्षाकर्मियों के आंतरिक मामले में प्रहार करते देखे गए है जिससे मानसिक रूप से टूट जाए । ============सरकारी तंत्र का खुलकर दुरूपयोग --सरकारी तंत्र में देखो तो सीधे आधिअकारिओ को बर्खास्त करने की अधिकार दिया गया है जबकि ऐसा मुनासिब नहीं है ।यहाँ तक तो उनके बैनर पोस्टर एवम् पंडाल को भी गिराने का फार्माण फोन से मिल रहे है ।एक दो जगह तो पंडाल को गिरा भी दोए है ।। ========सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना --अपरसिक्षित बारहवी पास से शिक्षण कार्य कराना जाना सीधे सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अवहेलना है ।÷========== नोटिस पर नोटिस ,,शनिवार सभी जनपद और जिला पंचायत में नोटिस का ही काम हुआ इसमें पूरा कर्मचारियों का ड्यूटी लगा दिया गया की सोमवार तक किसी भी हालात में शिक्षा कर्मियो को नोटिस मिल सके । बहरहाल शिक्षाकर्मियों की मांग अभी भी अपनी चरम सिमा में है ।
Sunday, 26 November 2017
ऐसे हो रही है शिक्षाकर्मियों के आंदोलन को तोड़ने की साजिश ,जरूर पढे
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